लघु समयसार विधान Laghu Samaysar Vidhan

Details

Language : Hindi

Category : Other

Tags : Samaysar, Vidhan, Rajmal

Author : राजमल पवैया Rajmal Pavaiya

Publish Year :

Total Pages : 27

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समयसार, आचार्य कुन्दकुन्द द्वारा रचित प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसके दस अध्यायों में जीव की प्रकृति, कर्म बन्धन, तथा मोक्ष की चर्चा की गयी है।

यह ग्रंथ दो-दो पंक्तियों से बनी ४१५ गाथाओं का संग्रह है। ये गाथाएँ प्राकृत भाषा में लिखी गई है। इस समयसार के कुल नौ अध्याय है जो क्रमश: इस प्रकार हैं[1]-

जीवाजीव अधिकार

कर्तृ-कर्म अधिकार

पुण्यपाप अधिकार

आस्रव अधिकार

संवर अधिकार

निर्जरा अधिकार

बंध अधिकार

मोक्ष अधिकार

सर्वविशुद्ध ज्ञान अधिकार