Recently Added Books

We have new addition to our library...

क्रिया कोष Kriya Kosh

कविवर पंडित दौलत राम जी Kavivar Pandit Daulatramji Edited by Shri Sanjay Shastri

क्रिया कोष  Kriya Kosh

Gyansar ज्ञानसार णाणसार

पद्मसिंह मुनिराज

श्री पद्मसिंह मुनिराज कृत अद्भुत ग्रन्थ णाणसार (ज्ञानसार)

यह ग्रंथ अलौकिक है इसकी एक एक गाथा अत्यन्त तात्त्विक है।

Parmatma Chattisi परमात्मा छत्तीसी

पण्डित प्रवर श्री भैया भगवतीदास जी

पण्डित प्रवर श्री भैया भगवतीदास जी विरचित "परमात्मा छत्तीसी " जी का डिजिटल वर्जन

अष्ट पाहुड Asht Pahud

आचार्य कुन्दकुन्द देव

दिगम्बर जैन आचार्य कुन्दकुन्द देव विरचित अष्ट- पाहुड जैन धर्म की एक ऐसी कालजयी रचना है जिसमें धर्म की साधना/आराधना का विस्तृत विवेचन के साथ उससे संबंधित शिथिलाचार, कुरीतियां आदि की जानकारी देकर हमे उनको त्याग करने के उपदेश के साथ वास्तविक मोक्षमार्ग का दिग्दर्शन कराया है ।

इसकी उपयोगिता मोक्ष प्राप्ति के लक्ष्य वालों के लिये भूतकाल में थी, वर्तमान काल में भी है और भविष्य काल में भी रहेगी।

आचार्य कुन्दकुन्द (ई.१२७-१७९) द्वारा ८५ पाहुड़ ग्रन्थों का रचा जाना प्रसिद्ध है, उनमें से आठ पाहुडों के संग्रह को अष्टपाहुड़ कहते हैं।

  1. दर्शनपाहुड़,

  2. सूत्रपाहुड़,

  3. चारित्रपाहुड़,

  4. बोधपाहुड़,

  5. भावपाहुड़,

  6. मोक्षपाहुड़,

  7. लिंगपाहुड़,

  8. शील पाहुड़

Darshansaar दर्शनसार

आचार्य देवसेन

इस अद्भुत ग्रंथ में जो समय समय पर मिथ्या मत प्रचलन में आए हैं उनका वर्णन है,

इस ग्रन्थ को पढ़कर हम सभी को सही सही वस्तु स्वरुप का निर्णय हो ऐसी मंगल भावना है, और यदि ऐसी कोई मिथ्या मान्यता अपनी हो तो उसे भी सुधार लेवे।

आत्म बोध मार्तंड Aatm Bodh Maartand

आचार्य श्री सूर्यसागर जी महाराज

पौष कृष्ण द्वितीया, वीर निर्वाण संवत 2549 भगवान मल्लिनाथ का ज्ञान कल्याणक के शुभ अवसर पर यह digital version पौस कृष्ण प्रतिपदा वीर निर्वाण सम्वत् २४७७ को ब्र. श्री लक्ष्मीचन्द जी वर्णी द्वारा प्रकाशित प्रति का बनाया गया है। आचार्य श्री सूर्यसागर जी महाराज द्वारा संग्रहीत एवं प्रणीत यह "आत्मबोध मार्तंड" जी सहजता से हार्ड कॉपी के रूप में अब अधिक कहीं उपलब्ध देखने में नहीं आता है, यदि कोई भव्य जीव इस ग्रंथ को प्रिंट करवाकर साधर्मी जनों को उपलब्ध करा पायें तो जिनवाणी की रक्षा और जैन धर्म की प्रभावना में अमूल्य योगदान रहेगा।

"आत्मबोध मार्तंड " जी की यह डिजिटल प्रति बनाने में अत्यधिक सावधानी रखी गई है किंतु अज्ञान वश, प्रमाद वश एवं अत्यंत अल्प बुद्धि के धारक मूढ़ मति होने से हमसे टाइपिंग संबंधी त्रुटियां होना अवश्य सम्भावी हैं। ज्ञानी जन सुधार कर पढ़ें और हम पर क्षमा भाव धारण करें ऐसा करबद्ध निवेदन है।

68

Book Published

21

Total Visitors

0

Recently Added

Our Testimonials

What our clients say about the books reviews and comments

जैन मंदिरों तथा तीर्थ क्षेत्रों की जानकारी वैज्ञानिक आधार से एकत्रित करने के बाद सभी जैन आगम को डिजिटल रूप में सुरक्षित करने का सराहनीय कार्य.

सुनील जैन

अतिरिक्त महानिदेशक (सेवा निवृत्त), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय

जैन धर्म ग्रंथो तथा पुस्तकों को सुरक्षित रखने व जन-जन तक पहुंचाने के इस भागीरथी कार्य की बहुत बहुत अनुमोदना.

प्रोफेसर वीरसागर जैन

जैनदर्शन विभाग, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय