सप्तऋषि विधान

Details

Language : Hindi

Category : Other

Tags : सप्तऋषि, विधान, चंदनामती

Author : प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी

Publish Year : 2010

Total Pages : 36

Publisher : दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान, जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर

ISBN : 978-93-80353-61-6

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सप्तऋषि विधान

अनंतानंत जीवों से परिपूरित संसार सागर में जो विरले जीव जन्म-मरण के कुचक्र से छूटकर शाश्वत सुख की प्राप्ति के प्रयास में संलग्न होते हैं, वे ही अपने जीवन को भी सफल करते हैं और अन्य जीवन रूपी दीपकों को प्रकाशित करने में भी निमित्त बनते हैं। ऐसा ही एक मधुरिम व्यक्तित्व है-प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी का, जो जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की अनन्य समर्पित शिष्या होने के साथ-साथ अपेन वात्सल्यमयी व्यवहार से सभी पर अपनी अमिट छाप छोड़ने में सक्षम हैं। किसी भव्य जीव को जिनेन्द्र भगवान प्रणीत शाश्वत मोक्षमार्ग के प्रति आसक्त करने में जो प्रयासरत रहे, वास्तव में वह स्तुत्य है, क्योंकि अनादिकाल से जीव ने न जाने किन-किन भौतिकताओं में बंधकर स्वयं को कल्याण के पथ से वंचित रखा है।