काशी में जैन धर्म Jainism in Varanasi

Details

Language : Hindi

Category : Other

Tags : काशी, जैन धर्म, Jainism, Varanasi

Author : Dr. Vivekanand Jain and Dr. Anand Kumar Jain

Publish Year : 2025

Total Pages : 59

Publisher : Inu Mehta Education Support, Varanasi

ISBN : 978-93-341-4900-5

Read Book Download

सम्पूर्ण भारत देश और विदेश से जैन धर्म के अनुयायी / धर्मावलम्बी तीर्थयात्रा हेतु निरन्तर वाराणसी नगरी आते रहते हैं। तीर्थयात्री श्री सम्मेद शिखरजी जाते वक्त या सम्मेद शिखरजी की यात्रा पूरी करके कभी न कभी वाराणसी भगवान पार्श्वनाथ की नगरी में अवश्य आते हैं। इन्ही तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु एक सचित्र लघु पुस्तिका बनाने का विचार मन में चल रहा था जिसे वर्तमान में मूर्तरूप देने का यह एक प्रयास है।

इसमें जैन धर्म से संबंधित सभी जन्म स्थलियों (दिगंबर एवं श्वेतांबर मंदिरों) की जानकारी दी गई है। इसके अलावा जैन-विद्या एवं जैन धर्म-दर्शन की शिक्षा से संबंधित संस्थानों और पुस्तकालयों का भी विवरण इसमें दिया गया है। यह एक प्रकार से सूचना-सामग्री युक्त पिक्टोरियल बुक है।

काशी के रूप अनेक हैं, जिसने जिस रूप में इसे देखा, उसे काशी उसी तरह नजर आई। काशी में सदियों से तीर्थयात्री एवं पर्यटक पूरे विश्व से आते रहे हैं और इसका वर्णन तथा गुणगान करते रहे हैं। वास्तव में काशी विविधताओं से भरी हुई एक प्राचीन जीवंत नगरी है जो कि सभी के लिए सकारात्मक धार्मिक एवं सांस्कृतिक ऊर्जा का स्थापित केंद्र है।

डा. विवेकानंद जैन, केन्द्रीय ग्रंथालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में उपग्रंथालयी के पद पर कार्यरत हैं। आपको लगभग 32 वर्षों का कार्य अनुभव है। आपने टी. एफ.आर.आई. जबलपुर तथा एन.आई.सी. नई दिल्ली के पुस्तकालयों में भी कार्य किया है। आपके द्वारा लिखित 3 पुस्तकें तथा 50 से अधिक आलेख प्रकाशित हैं। आपने पुस्तकालय के अलावा जैनधर्म एवं दर्शन पर शोध लेखों का प्रकाशन किया है। आपने मिलान, रोम, पेरिस, जिनेवा, हेलसिंकी, टेलिन, बैंकाक, सिंगापुर आदि की यात्रा की तथा अनेक संगोष्ठियों में भाग लिया। आपने कैथोलिक यूनीवर्सिटी पेरिस में भी जैन धर्म दर्शन पर व्याख्यान दिया।

डा. आनन्द कुमार जैन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में वरिष्ठ सहायक अध्यापक, जैन-बौद्धदर्शन विभाग में कार्यरत हैं। आपको लगभग 15 वर्षों का कार्य अनुभव है। आपने राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान (केन्द्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय) जयपुर में भी कार्य किया है। आप नवम्बर 2019 से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में सेवा प्रदान कर रहे हैं। आप भगवान श्रेयांसनाथ जैन स्टडीज फंड, बी.एच.यू. में सदस्य सचिव हैं। आपने अनेक संगोष्ठियों योगदान हेतु राष्ट्रपति पुरुस्कार से 2018 में सम्मानित हैं। आप अनेक जैन संगठनों से जुड़े हुये हैं जिसमें भारतीय जैन मिलन, अखिल भारत वर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत परिषद, अखिल भारत वर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद प्रमुख हैं। आपके द्वारा जैनधर्म एवं दर्शन पर संदर्भ ग्रंथों, पुस्तकों तथा 30 शोध आलेखों का प्रकाशन हुआ है।