Welcome To Jain Library
Language : Hindi
Category : Other
Tags : रत्नत्रय, समीचीन ज्ञान, Ratnatraya, Palak, पलक
Author : विनय कुमार जैन
Publish Year : 2019
Total Pages : 429
Publisher : देशना कम्प्यूटर्स जयपुर
भगवान की वाणी गणधर ने सुनी, आचार्यों ने उसे लिपिबद्ध किया
परंपरागत आचार्यों के द्वारा हमारे पास तक पहुंची,
हमने उन महान आचार्यों के लेखन का अध्ययन करके उसमें से मोती निकाले और माला बनाकर इस संकलन को पिरो दिया
डॉक्टर पलक जैन