परम पूज्य सिद्धांतचक्रवर्ती श्री नेमिचंद्राचार्य जी विरचित द्रव्यसंग्रह का यह अंग्रेजी अनुवाद है जो कि आज से 104 वर्ष पहले श्री शरतचंद्र जी ने किया था।
जिन्हें अंग्रेजी में पढने का शौक है, उनके लिये विशेष लाभकारी है।
2008-9 में IIT-IIM के शिक्षित विद्यान इंजीनियर श्री विजय जैन जी देहरादून ने भी द्रव्यसंग्रह का अंग्रेजी में अनुवाद किया था जिसमें कि उपरोक्त अनुवाद का विशेष उल्लेख है।