गणिनी गुरु माँ विशिष्टमति माताजी

Profile

Name गणिनी गुरु माँ विशिष्टमति माताजी
Date of Birth 18/Jan/1967
Name before Diksha मीनाक्षी
Father's Name जयंती जैन
Mother's Name विनय देवी
Place of Birth शिकोहाबाद, उत्तरप्रदेश
Education 12 वी कक्षा
Brhamcharya Vrat (Date, place and name of guru)
27-Nov-1985 / फिरोजाबाद / भारत गौरव गणिनी आर्यिका विशुद्धमति माताजी
Kshullika Diksha (Date, place and name of guru)
19-Jul-1989 / टोडारायसिंह, राजस्थान / भारत गौरव गणिनी आर्यिका विशुद्धमति माताजी
Aryika Diksha (Date, place and name of guru)
26-Nov-2020 / टोंक, राजस्थान / भारत गौरव गणिनी आर्यिका विशुद्धमति माताजी

Gallery

Other Details

About गणिनी गुरु माँ विशिष्टमति माताजी

गणिनी गुरु माँ विशिष्ट मति माताजी का जीवन सदा साधना संयम से भरा हुआ है।  आप हमेशा सदा हमेशा सदा धर्म ध्यान मे अग्रसर रहते हुए जिनधर्म की महती प्रभावना कर रही है।
एक परिचय 
  गणिनी माताजी का जन्म 18 जनवरी 1967 उत्तरप्रदेश के शिकोहाबाद मे हुआ आपका ग्रहस्थ अवस्था नाम मीनाक्षी था। आपकी बचपन से ही धर्म के प्रति गहन रुचि थी। आप माता विनय देवी पिता जयंती जैन का अनुपम मोती थी। समय बिता 12 वी कक्षा का अध्यन पूर्ण किया आपका मन सांसरिक चक्रव्यूह मे नहीं लगा  और उन्हे दर्शन हुए भारत गौरव गणिनी आर्यिका विशुद्धमति माताजी के। उंनकी साधना संयम देख इंनके अंदर वैराग्य का प्रस्फुटन हो गया,आपने संयम पद की और कदम बढ़ाते हुए 27 nov 1985 को गणिनी गुरु माँ विशुद्धमति माताजी से ब्रह्मचर्य व्रत फिरोजाबाद मे लिया महज 18 वर्ष की उम्र मे लिया, जो खेलने कूदने की हुआ करती है। वह संयम पद की और बलवती हो गयी जो सचमुच मार्मिक है इनकी साधना और प्रगाढ़ होती चली गयी कुछ ही समय बिता 1985 मे ही 2 प्रतिमा का व्रत गणिनी गुरु माँ विशुद्धमति माताजी से एटा मे लिया। 
राजस्थान का पावन गौरव
  समय गतिशील होता गया आप बढ़ती बढ़ती रही सन 1989 मे आपने टोडारायसिंह राजस्थान मे गणिनी गुरु माँ विशुद्धमति माताजी से पाँच प्रतिमा का व्रत ग्रहण किया अब कुछ ही समय बिता नारी का उत्क्रष्ट पद आर्यिका दीक्षा 19 जुलाई 1989 राजस्थान के टोडारायसिंह मे गणिनी गुरु माँ विशुद्धमति माताजी द्वारा प्रदान की गयी  नाम दिया गया गणिनी आर्यिका 105 विशिष्टमति माताजी। जो सचमुच यथा नाम तथा गुण को सार्थक करती  है यह राजस्थान का गौरव ही कहा जाएगा आपकी आर्यिका दीक्षा राजस्थान मे आपको गणिनी पद भी हाल ही मे 26 nov 2020 को धर्म प्राण नगरी टोंक राजस्थान मे नसिया जी मे  गणिनी गुरु माँ विशुद्धमति माताजी द्वारा प्रदान किया गया  सचमुच आप समता श्रमणी है आपको वर्ष 2007 मे देवली राजस्थान जैन समाज ने समता श्रमणी की उपाधि से सुशोभित किया


More Details

Latest News

धर्म प्राण नगरी टोंक राजस्थान मे नसिया जी मे