Minority Benefit
केन्द्र सरकार द्वारा जैन समुदाय को दिनांक 27 जनवरी, 2014 को अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा प्रदान करने से भारतीय संविधान में उपलब्ध संरक्षण एवं अन्य अधिनियमों द्वारा प्राप्त कानूनी अधिकारों का प्रयोग करने की शक्ति प्राप्त हो गई है । अब जैन समुदाय के व्यक्ति विशेष, महिलाएं, शिक्षण संस्थाएं, सोसाइटी, व्यापारी, विद्यार्थी, धार्मिक स्थल, गैर सरकारी संगठन, ट्रस्ट इत्यादि भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, उपक्रमों एवं अनेक राज्य सरकारों द्वारा अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता, छात्रवृत्ति, अनुदान, ब्याज सब्सिडी इत्यादि के हकदार बन गये हैं ।
जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने से कुछ प्रबुद्ध नागरिकों के मन में एक संशय उत्पन्न हुआ है कि यह दर्जा प्राप्त होने से हमारी स्थिति दयनीय हो जाएगी । ऐसा सोचना सर्वथा अनुचित है क्योंकि भारतीय संविधान अल्पसंख्यकों को उनकी कम जनसंख्या होने के कारण संरक्षण प्रदान करता है न कि हीनता । संविधान की मूल भावना यही है कि अल्पसंख्यक अपने धर्म, संस्कृति, भाषा का संरक्षण करें जिससे कि उनका अस्तित्व अपनी गरिमा के साथ बना रहे ।
अत: हमें इस अवधारणा से ऊपर उठ कर भारत सरकार व अन्य राज्य सरकारों द्वारा अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा कर अपने समाज को शिक्षित व उन्नत करने का प्रयास करना चाहिए । सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त करके इसे समुदाय के विभिन्न वांछित वर्गों तक पहुंचाकर उन्हें इन योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य के साथ हम अपने समुदाय को उन्नत करने का प्रण लें ।
अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की अधिक जानकारी के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय (www.mhrd.gov.in) अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय (www.minorityaffairs.gov.in) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षिणक संस्था आयोग (www.ncmei.gov.in) मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन (www.maef.nic.in) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (www.ugc.ac.in) केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (www.cbse.nic.in) नेशनल माईनोरिटीज डेवलेपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन (www.nmdfc.org) नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग (www.nios.ac.in) की वेबसाइट की अवलोकन करें ।
अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं को प्राप्त अधिकार : शैक्षणिक संस्थाओं को भारत के संविधान के अनुच्छेद 30 (1) में प्रदत्त अधिकारों को दिलवाने के लिए सरकार ने सन् 2004 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था आयोग का गठन किया जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है । आयोग को दीवानी न्यायालय की शक्तियां प्राप्त हैं । यह आयोग संविधान में अल्पसंख्यकों को प्राप्त अधिकारों की रक्षा करता है । आयोग अन्य बातों के साथ-साथ अल्पसंख्यकों द्वारा चलाई जा रही शैक्षणिक संस्थाओं को अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था का दर्जा प्रदान करता है । इसके लिए संस्थाओं को सर्वप्रथम अपने राज्य के संबंधित विभाग में दर्ज के लिए आवेदन करना होता है । अगर वह विभाग तीन महीने तक कोई निर्णय नहीं देता है तो संस्था सीधे आयोग में आवेदन पत्र दाखिल कर सकती है । इस आवेदन पत्र का प्रारुप आयोग की वेबसाईट पर उपलब्ध है ।
अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था का दर्जा प्राप्त होने के बाद अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था को कई प्रकार के अधिकार प्राप्त हो जाते है जैसेकि संस्था अपने शैक्षिक एवं गैर शैक्षिक स्टाफ की नियुक्ति स्वयं कर सकती है जिसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा तथा इस स्टाफपर अनुशासनात्मक कार्यवाही भी कर सकती है । संस्था अल्पसंख्यक समुदाय के 50 प्रतिशत विद्याथियों को अपनी इच्छानुसार प्रवेश प्र्रदान कर सकती है एवं इन विद्याथियों के लिए फीस निर्धारित कर सकती है । अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश एवं नियुक्तियों में रिजर्वेशन पालिसी लागू नहीं होगी । अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाएं RTE Act लागू करने के लिए बाध्य नहीं है । अत: निवेदन है कि जैन समुदाय द्वारा चलाए जा रहे शैक्षणिक संस्थाओं को अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था का दर्जा प्राप्त कर उपरोक्त अधिकारों का लाभ उठाना चाहिए ।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें : उप सचिव/अवर सचिव, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था आयोग, जीवन तारा भवन, संसद मार्ग, नई दिल्ली 110001
फोन : 23367761/23367758
अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मिलने वाली छात्रवृत्तियों एवं सुविधाएं
अल्पसंख्यक छात्रों के लिए लगभग सभी राज्य सरकारों द्वारा एवं केन्द्र सरकार द्वारा प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक एवं मेरिट कम मीन्स छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है । जिसकी जानकारी प्रत्येक छात्र को अपने स्कूल में ही करनी चाहिए । इसके अन्तर्गत अल्पसंख्यक छात्रों को जिनके परिवार की कुल वार्षिक आय एक या दो लाख रुपये से कम है, 100 से लेकर 1000 रुपये प्रतिमाह तक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है । कई राज्य अल्पसंख्यक छात्रों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करते हैं तो कई राज्य टयूशन फीस का प्रतिपूर्ति करते हैं । अल्पसंख्यक छात्रों को मुफ्त पुस्तकें एवं लेखन सामग्री भी प्रदान की जाती है । केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड केवल छात्राओं के इंजीनियरिंग अथवा एमबीबीएस के लिए इन्दिरा गांधी स्कालरशिप प्रदान करता है साथ की बेसिक एवं नेचुरल साइंस के लिए उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति एवं बच्चियों के लिए कक्षा 1 से 12 तक के लिए गर्ल चाइल्ड स्कालरशिप प्रदान करता है । डॉ अम्बेडकर फाउंडेशन कक्षा 10 के छात्रों के लिए विभिन्न छात्रवृत्ति प्रदान करता है । इसके अतिरिक्त इंडियन ऑयल कारपोरेशन, एनटीपीसी, ओएनजीसी, फाउंडेशन फार एकेडेमिक एक्सीलेंस एंड एक्सेस, के सी महिन्द्रा एजुकेशन ट्रस्ट एवं अन्य कई धार्मिक ट्रस्ट एवं एनजीओ अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करते हैं । विभिन्न बैंक एवं नेशनल माइनॉरिटी डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कारपोरेशन व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा के लिए कम ब्याज दर पर लोन प्रदान करते हैं । मानव संसाधन विकास मंत्रालय की इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम के अन्तर्गत शिक्षा ऋण पर ब्याज पर पूरी सब्सिडी का भी प्रावधान है ।
अत: जैन समुदाय के छात्रों एवं छात्राओं अल्पसंख्यक होने के नाते उपरोक्त स्कीमों का लाभ उठाना चाहिए । इसके लिए आप संबंधित कार्यालय की वेबसाइट से, अपने स्कूल या कॉलेज से ज्यादा जानकारी प्राप्त करें एवं इन सुविधाओं का लाभ उठाकर एक शिक्षित राष्ट्र एवं समाज का निर्माण करें ।
अल्पसंख्यक व्यावसायियों को मिलने वाली सुविधाएं
नेशनल माईनोरिटीज डेवलपमेंट एण्ड फाइनेंस कारपोरेशन अल्पसंख्यक समुदाय के व्यावसायियों के लिए रियायती ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध करवाता है । केडिट लाईन 1 में ग्रामीण क्षेत्रों में वार्षिक आय रूपये 81000 तक तथा शहरी क्षेत्रों में वार्षिक आय रूपये 103000 तक के व्यावसायियों को 6 से 9 प्रतिशत की ब्याज दर पर एवं क्रेडिट लाईन 2 में 6 लाख वार्षिक आय तक के व्यावसायियों के लिए 20 से 30 लाख रुपये तक के लोन उपलब्ध करवाता है । माइक्रों फाइनेंस स्कीम के तहत महज 1 प्रतिशत ब्याज दर पर 1 से 15 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध है । स्किल डेवलपमेंट एवं वोकेशनल ट्रेनिेंग के लिए भी स्कीम है जिसके अन्तर्गत ट्रेनिज को 1000 से 2000 रुपये प्रतिमाह तक की छात्रवृत्ति दी जाती है ।
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