लोहारिया ग्राम जैन परिप्रेक्ष्य से एक समृद्ध ग्राम है । यह ग्राम बांसवाड़ा - उदयपुर मार्ग पर बांसवाड़ा से ३६ किमी दूरी पर है । यहाँ पर जैन एक ठीक संख्या में मौजूद है, तथा समय समय पर यहाँ आचार्यो के, मुनिजनो के चातुर्मास भी होते रहते है । आचार्य भरत सागर जी जो की आचार्य विमल सागर जी के शिष्य थे, उनका जन्म यही हुआ था । इसके अलावा भी यहाँ कई दीक्षाएं समय समय पर सम्पन्न हुई है । यहाँ पर एक पुराना मंदिर जी है जो की ग्राम में स्थित है । मंदिर जी में ही चार पांच अलग वेदिया अलग अलग स्थानो में है । इनमे से मूल वेदी तथा उसके आगे की वेदी में कुछ प्राचीन और मध्यकालीन जिन प्रतिमाये विराजमान है । मूलनायक प्रतिमा सफ़ेद पाषाण की तोरण युक्त है जिसमे कुछ और तीर्थंकरो की प्रतिमाये उकेरी हुई है । इसके अलावा कुछ काले और कुछ सफ़ेद पाषाण की पुरानी प्रतिमाये भी यहाँ उल्लेखनीय है ।
इस मंदिर जी के अतिरिक्त यहाँ से १ किलोमीटर की दूरी पर ही एक गोम्मटगिरी लोहारिया क्षेत्र का निर्माण भी कुछ वर्षो पहले हुआ है । वहां भी अनेक जिन मंदिर और प्रतिमाये है । वहां पर मूलनायक बाहुबली स्वामी की १८ - २० फ़ीट की नवीन प्रतिमा है । इसके अलावा वर्तमान चौबीसी, सप्तऋषि जिनालय, पांच बालयति जिनालय, रत्न मंदिर और आचार्य भरतसागर जी का समाधी मंदिर वहां के मुख्य आकर्षण है । गोम्मटगिरी क्षेत्र हाईवे पर ही स्थित है जबकि प्राचीन मंदिर जी ग्राम में स्थित है ।
Morning: 5:30 AM to Evening: 8:30 PM,
Lohariya village is located in Garhi Tehsil of Banswara district. It is 26km from Garhi and 37km from Banswara.
Train: Ratlam Junction Railway Station
Air: Udaipur Airport