यह क्षेत्र गंगा नदी के तट पर श्री प्रभुदास जैन घाट , जिसे भदैनी घाट भी कहा जाता है ,पर स्थित है | |
यह सातवे तीर्थकर भगवान सुपार्स्वनाथ जी की गर्भ, जन्म , तप एव ज्ञान कल्याणक स्थली है |
यहाँ स्याव्दाद महाविघालय एव अकलंक सरस्वती पुस्तकालय तथा छात्रावास भी संचालित है | स्याव्दाद महाविघालय भवन के ऊपर भगवान् सुपाशर्वनाथ का मंदिर है | यह क्षेत्र तट पर होने से यहाँ का दृश्य अत्यंत मनोरम है | मंदिर छोटा है परन्तु शिखरबध्द है | इसका निर्माण लाला प्रभुदास आरा वालो ने कराया था | वेदी में भगवान् सुपशर्वनाथ की श्वेत पाषाणकी संवत 1993 में प्रतिष्ठित पद्मासन प्रतिमा विराजमान है | इसकी अवगाहना 15 इंच है | मूलनायक प्रतिमा के अतिरिक्त 5 श्वेत पाषाण की और एक सर्वतोभर्दिका प्रतिमा विराजमान है |
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM, Evening: 5:30 PM - 8:30 PM,
Regarded as the spiritual capital of India, Varansi draws pilgrims across the globe. Kashi Vishwanath Temple, the “Golden Temple,” dedicated to the Hindu god Shiva is one of the most famous temple. Varansi is well connected with roads.
Train: Varansi Railway Station
Air: Varansi Airport