क्षेत्र का महत्व एवम् ऐतिहासिकता - हज़ारो वर्ष प्राचीन वि. संवत - 409(करीबन 2100 वर्ष) यहाँ संसार का सबसे विशाल *ऋषि मंडल यन्त्रजी* जो की 9 फुट व्यास में कसोटी श्याम पाषाण पर वृहद सिद्धचक्र, यागमण्डल एवम् ऋषिमंडल के संयुक्त बीजाक्षर मण्डित यन्त्र जो *विश्व की मात्र एक 1 ही कृति है*, ( The World's Largest Rishi Mandal Yantraji ) जो श्री मण्डप के मध्य में स्थापित है । जिसके स्मरण, दर्शन एवम् गंधोदक से कष्टो से मुक्ति प्राप्त की जाती है । इस क्षेत्र पर जैन व अजैन भी यहाँ पर आकर कर दर्शन कर बाधा लेते है जो पूर्ण होती है ।
मंदिरजी मे
1. *1008 श्री चमत्कारी कलिकुंड पार्श्वनाथ भगवान*
2. 1008 श्री आदिनाथ भगवान, मुनिसुव्रतनाथजी, पार्श्वनाथजी, नेमीनाथजी, *(चतुर्थ कालीनप्रतिमाएँ)*
3. *नंदीश्वर द्वीप बावन 52 जिनालय (पाषाण पर)*,
4. *विदेह क्षेत्र के बीस 20 तीर्थंकर (पाषाण पर)*
5. *श्री तीर्थंकरो की माताये व गोद मे तीर्थंकर (पाषाण पर)*
6. *तीन 3 चौबीसी कृतिम चैत्यालय (पाषाण पर)*
एवम् अन्य चतुर्थ कालीन प्रतिमाजी
मंदिरजी की प्रथम प्रतिष्ठा का कोई उल्लेख नहीं है एवम् *द्वितीय प्रतिष्ठा विक्रम संवत 525 (1548 वर्ष पूर्व)* मे हुई थी उसके पश्चात *तृतीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा* समाधि सम्राट *आचार्य 108 श्री अभिनंदन सागरजी* गुरुदेव संसग के सानिध्य मे 13 से 18 अप्रैल 2008 मे हुई थी ।*
समीपवर्ती अतिशय क्षेत्र - डेचा साँवलिया पारसनाथ व आदिनाथजी भगवान् की चतुर्थ कालीन प्रतिमा (10Km), नागफणजी (पारसनाथजी), केसरियाजी(ऋषभ देवजी), खुणादरी(आदिनाथजी - अष्टधातु प्रतिमा)
*संपर्क सूत्र - 09001234748, 09664230182*
Morning: 5:30 AM to Evening 8:30 PM,
डूंगरपुर(राज.) से 22 km, उदयपुर(राज.) से 135 km, जयपुर(राज.) से 500 km, अहमदाबाद(गुज.) से 200 km एवम् सागवाड़ा से 25 km, बांसवाडा(राज.) से 80 km
इस तरह राजस्थान के ज़िला डूंगरपुर व बांसवाड़ा के मुख्य मार्ग पर यह गाँव स्थित हैं ।
Local transport is avilable from Dungarpur.
Rail - Dungarpur Railway Station
Air - Udaipur Airport