नालछा के कागदीपुरा मंदिर का इतिहास वर्षाें पुराना है। मंदिर परिसर में वर्षाें पूर्व बच्चों को खेलते समय वहां कुछ हलचल हुई तो उन्होने थोड़ी सी मिट्टी हटाई तो कुछ प्रतिमाजी नजर आई। जैन समाजजन एकत्रित हुए तो प्रतिमा महावीर भगवान की तीन 4.30 फीट पद्मासन प्रतिमा 1000 वर्ष प्राचीन मिली। जो अब पूर्ण तीर्थ छोटा महावीरजी कागदीपुरा बन चुका है। यहां मुनि प्रणाम सागरजी महाराज, ज्ञानमती माताजी एवं कई संतों का आगमन हो चुका है। प्रतिदिन दर्शन के लिए पूरे देश से भारी संख्या में दिगंबर जैन समाज के श्रावकों का आना जाना लगा रहता है। प्रतिदिन विधान का आयोजन होता है। तीर्थ पर कम समय में यात्रियों की सुविधाओं की पूरी व्यवस्था कमेटी द्वारा की गई है।
मंदिर में यात्रियों को ठहरने व भोजन के लिए पूरी व्यवस्था है। पं. आशाधरजी ने अपने कई शास्त्रों की रचना इसी कागदीपूरा के नेमिनाथ जिनालय में बैठकर की थी। यहां के अभिषेक के जल से कष्टों का निवारण होता है। भावपूर्वक की गई मनोकामना पूर्ण होती है। भगवान के दाहिने हाथ के अंगूठे से दूध की धार निकलना, यहां की मिट्टी को ले जाकर भवन निर्माण में थोड़ी सी डाल देने से भूमि शुद्ध हो जाना व 2011 में अभिषेक के समय जल का दूध में बदल जाना ऐसे कई चमत्कार यहां हुए है। सफेद नाग-नागिन का मंदिरजी के सामने आना जाना होता है। वहीं अब नवीन जिनालय का निर्माण शुरु हुआ है और तीर्थ के चारों और बाउंड्रीवॉल बनेगी।
धार से यह मंदिर 23 किमी दूर है। धार से तलवाड़ा, बगड़ी और सीधे कागदीपूरा पहुंचा जा सकता है। वहीं मांडू से लुन्हेरा होते हुए नालछा और सीधे कागदीपूरा 13 किमी का सफर तय कर यहां पहुंच सकते हैं।
Morning: 5:30 AM to Evening: 8:30 PM,
Kagadipura village is located in Dhar Tehsil of Dhar district. It is 20km from Dhar.
Train: Indore Railway Station (75 Km)
Air: Indore Airport