तृतीय तीर्थंकर भगवान संभवनाथ के जन्म एवं चार कल्याणकों से पवित्र ‘‘श्रावस्ती’’ तीर्थ उत्तर प्रदेश के बलरामपुर-बहराइच रोड पर अवस्थित है।
सन् १९९५ में यहाँ नवीन मंदिर का निर्माण भी हुआ है जिसमें सामने बीच की वेदी में भगवान संभवनाथ के अतिरिक्त दो पद्मासन तथा दो खड्गासन प्रतिमाएँ हैं तथा तीन ओर दीवार में चौबीस तीर्थंकरों की पद्मासन प्रतिमाएँ अलग-अलग वेदियों में विराजमान हैं। मंदिर का शिखर सुन्दर नये ढंग का है जिसमें सबसे ऊपर चार दिशाओं में चार प्रतिमाएँ विराजमान हैं।
श्रावस्ती तीर्थ के दिगम्बर जैन मंदिर परिसर के बगल में ही श्वेताम्बर जैन समाज का भी मंदिर बना हुआ है। इस प्रकार यह तीर्थ जैनियों का प्रमुख तीर्थ है। भगवान संभवनाथ का समवसरण भी सर्वप्रथम यहीं रचा गया था, यहीं से उन्होंने धर्मतीर्थ का प्रवर्तन किया था।
ऐसी पावन तीर्थ भूमि को श्रद्धापूर्वक शत-शत नमन।
Morning: 5:30 AM to Evening: 8.30 PM,
Shravasti is located near the West Rapti River and is closely associated with the life of Gautama Buddha, who is believed to have spent 24 Chaturmases here. According to the Mahabharata, Shravasti is named after the legendary king Shrawasta. It is well connected with roads.
Train: Balrampur Main Railway Station
Air: Lucknow Airport (170 Km)