श्री श्री १००८ शांतिनाथ दि. जैन अतिशय क्षैत्र , रामटेक जि . नागपुर महाराष्ट्र में नागपुर से ५० कि. मी. की दूरी पर मनसर गांव के पास स्थित है।
इस क्षैत्र के प्रवेश द्वार का ऊपरी भाग गोलाकार है जिसके ऊपर भ .श्री शांतिनाथ का प्रतीक चिन्ह हिरण बना हुआ है।
यह क्षैत्र भगवान राम चन्द्र जी का तपोवन विश्राम स्थली है। रामटेक भगवान श्री राम , महाकवि कालिदास और भोसले वंश के राजाओं की कर्मभूमि रही है।
पुरातन कथा अनुसार ====
अब से लगभग ४०० वर्ष पूर्व नागपुर जिले मे भोसले वंश का राज्य था। राजा विष्णुमत का पालने वाला था। राजा राम मंदिर के दर्शन करने के उपरांत भोजन करने बैठे उन्होंने मंत्री से कहा आप भी भोजन कर ले । मंत्री मौन रहा किन्तु राजाज्ञा टालने के भय से मन भयभीत रहा। इस बीच राजा ने पुनः मंत्री से वही बात कही , मंत्री ने मन में विचार किया कि , राजा से धर्मगुरु बड़े हैं । अत: धर्म गुरु का दिया हुआ व्रत दृढ़ता से पालन करना चाहिए।
मंत्री ने राजा से निवेदन किया कि है राजन मुझे यह प्रतिज्ञा है कि वीतराग प्रभु के दर्शन के बिना आहार तो क्या जल भी ग्रहण नहीं करता । मंत्री की बात सुनकर राजा प्रसन्न हुआ और मंत्री से कहा कि आप शीघ्र ही हाथी पर बैठकर कामठी में विशाल सुंदर जैन मंदिर है सो जावे वहां दर्शन कर अपनी प्रतिज्ञा पूर्ण करें ।
( दि . जैन म . कामठी रामटेक से लगभग ३० कि . मी . की दूरी पर स्थित है। यहां पर देवाधिदेव १००८ श्री आदिनाथ भगवान की अतिशयकारी चतुर्थ कालीन प्रतिमा जी विराजमान हैं। )
यह सुनकर मंत्री ने कहा कि २० वे तीर्थंकर श्री मुनिसुव्रतनाथ के समय में भगवान श्री राम, सीता एवं लक्ष्मण जी इस क्षेत्र में आए एवं ठहरें थे। अतः यहां कहीं न कहीं जैन मंदिर अवश्य ही होना चाहिए । तुरंत ही राजाज्ञा से सैनिकों ने जंगल छान मारा। तब वहीं एक ग्वाले से ज्ञात हुआ कि इसी जंगल में एक वृक्ष के नीचे एक मुर्ति बिराजमान है । वहां जाने पर ज्ञात हुआ कि वह विशाल प्रतिमा भगवान श्री शांतिनाथ जी की है ।
श्री जी के दर्शन कर मंत्री जी ने भोजन ग्रहण किया । बाद में राजाज्ञा से मंदिर जी का निर्माण किया गया जोकि आज श्री १००८ श्री शांतिनाथ दि . जैन अतिशय क्षेत्र के नाम से मशहूर है।
श्री शांतिनाथ मंदिर जी में मूलनायक देवाधिदेव श्री शांतिनाथ भगवान की १३ं फीट ५ इन्च ऊंची बादामी वर्ण खड्गासन प्रतिमा जी तथा इसके दोनों पाश्वो में भी भगवान श्री कुंथुनाथ एवं भगवान श्री अरहनाथ की ५ फीट २ इन्च ऊंची प्रतिमा जी विराजमान हैं यह मुर्ति ११-- १२ वी शताब्दी की प्रतीत होती है ।
इस क्षैत्र पर सन् १९९३ , १९९४ ,२००८ तथा २०१३ चार बार संत शिरोमणि श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज के पावन वर्षायोग हुए ।
इस क्षैत्र पर आचार्य श्री के मंगल आशीर्वाद से पाषाण युक्त चौबीसी एवं पंच बालयति जिन मन्दिर का निर्माण हुआ है।
ऐसे चतुर्थ कालीन , अतिशय कारी, विघ्नविनाशी , मंगल कारी, चमत्कारी , भगवान १००८ श्री शांतिनाथ जी के दर्शन करके अपना जीवन सफल बनाकर पुण्य लाभ अर्जित करें ।
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM, Evening: 5:30 PM - 8:30 PM,
Ramtek is a city and municipal council in Nagpur district of the Maharashtra. Ramtek is bbelieved to be associated with Bhagwan Ram and Rishi Agastya. It is also believed that Kalidasa wrote Meghaduta in the hills of Ramtek. It is well connected with roads.
Train: Ramtek Railway Station
Air: Nagpur Airport