वृद्ध पुरुषों द्वारा प्राप्त किंदवंती अनुसार एक गाय प्रतिदिन टीले पर आकर अपना दूध स्वयं ही वहां गिराकर चली जाती थी | मालिक को शंका होने पर उसने जानकारी ली तो उसे आश्चर्य हुआ उसने टीले पर गड्ढा खोदना प्रारम्भ किया | थोड़ा – सा गड्ढा होने पर वर्तमान मूलनायक भगवान की प्रतिमा का मस्तक भाग बाहर आया | सावधानी से खुदाई करने पर श्यामरंगी 23 वें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथजी भगवान की भारत में पहली एवं अद्भुत सुबह, दोप., शाम तीन रूप में सिंह के ऊपर विराजित आठ सर्प के फनों वाली बालुरेत से निर्मित भव्य प्रतिमा नज़र आई | भाव विभोर होकर प्रतिमा को बाहर लाकर वहीं पर संप्रतिराजा ने एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया |
यह तीर्थ वर्तमान मंदसौर से 15 कि.मी. दूर महू-नीमच हाइवे से 2 कि.मी. पश्चिम में एवं खण्डवा-अजमेर रेल्वे लाइन के पिपलिया स्टेशन से 5 कि.मी. दूर है एवं केशरियाजी-उदयपुर जाने के रास्ते में यह तीर्थ स्थित है | वायु मार्ग से उदयपुर या इंदौर उतरकर यहाँ पहुँच सकते है |
अतः अनेक संघो एवं श्रीमंतो के सहयोग द्वारा तीर्थोध्दार का भागीरथ पुरुषार्थ प्रारम्भ किया जा रहा है | आशा है कि इस पुण्य कार्य में आप सभी का पूर्ण सहयोग एवं आशीर्वाद प्राप्त होगा |
श्री बही पार्श्वनाथ महातीर्थ एक प्राचीन और महान चमत्कारी तीर्थ है एक बार आने पर यहाँ बार – बार आने का मन उल्लास करता है |
प्रभुलाल छाजेड़ (मैनेजर)
Phone : +91-9406640103
Phone : +91-8989557689 (अध्यक्ष)
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM, Evening: 5:30 PM - 8:30 PM,
Bahi village is located in Malhargarh Tehsil of Mandsaur district in Madhya Pradesh. It is 15km from Malhargarh and 14km from Mandsaur.
Train: Piplia Railway Station
Air: Udaipur Airport