श्री वासुपूज्य स्वामी जैन श्वेताम्बर तीर्थ, भावरी
जैन संस्कृति की अनमोल धरोहर 560 वर्ष पुराना भावरी तीर्थ वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य स्वामी को समर्पित है।
श्री वासुपूज्य स्वामी देरासर में मूलनायक की गादी पर विराजित है दादा के एक तरफ शंखेश्वर पार्श्वनाथ दादा तो दूसरी तरफ कुंथुनाथजी विराजमान है।
इस जिनालय में विक्रम संवत 1521 में अषाढ़ सुद 9 के दिन आचार्य श्री लक्ष्मीसागरसूरि म.सा. ने प्रतिष्ठा कराई थी। देरासर का पुन: जिर्णोद्धार विक्रम संवत 2011 में वैशाख सुद 5 के दिन काछोली गच्छ के पंन्यास प्रवर श्री विमलसागरजी म.सा.ने प्रतिष्ठा कराई थी। समय बीतते बीतते जरुरत पड़ने पर आचार्य हेमचंद्रसूरि म.सा. के प्रशिष्य सौम्यरत्न म.सा. की प्रेरणा से देरासर का कायाकल्प करते हुए नूतन जिनालय बनाया गया और आचार्य श्री रत्नाकरसूरि म.सा. ने विक्रम संवत 2073 , ज्येष्ठ कृष्ण ग्यारस दिनांक 22/05/2017 सोमवार को पुन: प्रतिष्ठा कराई।
यह 560 वर्ष प्राचीन तीर्थ है। देरासर में विराजमान प्रतिमाएं और भी प्राचीन यात्रियों की सुविधा के लिए यहाँ धर्मशाला है। भोजनशाला 4 किमी.दुर नीतोड़ा में है।
व्यवस्था संचालन > श्री वासुपूज्य स्वामी जैन श्वेताम्बर तीर्थ मु.पो. - भावरी , तह - पिण्डवाडा जिला - सिरोही ( राजस्थान )
संपर्क पुजारी श्री उमेश भाई: 83207 37969
दूरी: दियाणा से 16 किमी. नितोडा से 4 किमी. स्वरुपगंज रेलवे स्टेशन 1 किमी., 108 श्री काछोली पार्श्वनाथ मंदिर 5 किमी. दूर है।
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM, Evening: 5:30 PM - 8:30 PM,
Bhavri village is located in Pindwara Tehsil of Sirohi district.
Train: Swarupganj Railway Station
Air: Udaipur Airport