भगवान महावीर की जन्म कर्म निर्वाण भूमि बिहार के पावन धरती पर उनके संदेशों एवं कायों को समय समय पर धर्मसंघ के आचार्यों ने आगे बढ़ाया इस श्रृंखला में जैन परंपरा के ज्योतिर्मय युग में युग प्रधान श्री जिन दत्त सूरी जी मणिधारी श्री जिन शांद्रा सूरी जी श्री जिन कुशल सूरी जी अकबर प्रतिबोधक श्री जिनचन्द्रसूरि जी जैसे प्रखर प्रज्ञा एवं महत साधना के धनी आचार्यों ने अपने आत्मबल श्रुतबल मंत्रबल और चारित्रबल से भारतीय चिंतनधारा और जीवनधारा को नया आलोक एवं पथ दर्शन देकर जैन धर्म के शाश्वत प्रकाश -स्तम्भ दादागुरु के नाम से विभूषित हुए
द्वितीय दादागुरु मणिधारी श्री जिनचंदसूरिजी एवं तृतीय दादागुरु श्री जिनकुशलसूरिजी के चरण चिन्हों से सुशोभित इस ४०० वर्ष प्राचीन दादाबाड़ी का निर्माण अज़ीमगंज निवासी जगतसेठ के वंशज कल्याण मलशाह के धर्मपरायण पुत्र चिंतामणि ने मार्गशीर्ष सऊदी पंचमी संवत 1682 में करवाया
इस परिसर के विकास एवं जीर्णोद्धार हेतु 19.03.1991 को विधिवत ” श्री दादाबाड़ी जीर्णोद्धार कमिटी ” गठित की गई। 22.07.1994 “श्री दादाबाड़ी जैन औषधालय” का निर्माण एवं शुभारम्भ निः शुल्क मानव-सेवा निमित्त किया गया जो आज भी सतत कार्यरत है।
श्री जिनकुशलसूरि आराधना भवन का उद्घाटन 16 .03 . 1996 को राष्ट्रसंत आचार्य श्री पद्मसागरसूरि जी के कर-कमलों द्वारा किया गया
बैशाख शुक्ल सप्तमी संवत 2069 शुक्रवार 27.04.2012 के शुभ दिन नवनिर्मित श्री दादाबाड़ी में प्रतिष्ठा महोत्सव सानंद संपन्न की गई। इस दिन प्रथम दादागुरु श्री जिनदत्तसूरिजी एवं काले-गोरे भैरव, श्री अम्बिका माता श्री नाकौड़ा भैरोंजी श्री भोमिया जी की मनमोहक प्रतिमाओं के साथ श्री सिद्धचक्र पट्ट की प्रतिष्ठा की गई
मंदिर के पिछले हिस्से में मान श्री सरस्वती भैरोंजी, घंटाकर्ण महावीर की प्रतिमा एवं गुरुवर श्री विजयशांति सूरीश्वर जी के पट्ट की प्रतिष्ठा भी इस शुभ दिन सानंद संपन्न की गई। इस मंदिर में 400 वर्षीय प्राचीन स्रोत साध्वीजी के चरण भी स्थापित है।
www.dadabari.org
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM, Evening: 5:30 PM - 8:30 PM,
Road: Patna is well connected with road network and highways.
Train: Patna Junction Railway Station
Air: Patna Airport