गुजरात प्रांत में खेड़ब्रह्मा तहसील से पूर्व दिशा में ६ कि.मी. की दूरी पर ‘देरोल’ ग्राम है, जो पूर्व में ‘देवनगरी’ या ‘देवपुरी’ के नाम से विख्यात रहा है। इसे अब ‘देरोल’ के नाम से जाना जाता है। यह स्थान खेड़ब्रह्मा से ८ कि.मी. की दूरी पर है, रेल द्वारा अहमदाबाद से खेड़ब्रह्मा जा सकते हैं, देरोल-वाघेला में बस भी आती हैं। खेड़ब्रह्मा-अहमदाबाद, ईडर-हिम्मतनगर मुख्य मार्ग है, बस एवं टैक्सी खेड़ब्रह्मा से उपलब्ध है। वर्तमान में यहाँ तीन जिनालय हैं इनमें से एक श्वेताम्बरों के प्रबंध में है, शेष दो मंदिरों की व्यवस्था दिगम्बर जैन समाज करती है। चतुर्थ शताब्दी की प्राचीन काल की कलात्मक भगवान श्री १००८ आदिनाथ की अतिशयकारी बावन जिनालय प्रतिमा मंदिर क्रमांक १ में है एवं दूसरे जिनालय में भगवान श्री १००८ पाश्र्वनाथ की अतिशयकारी मनोकामना पूर्ण करने वाली चमत्कारी प्रतिमा है। इन दोनों मंदिरों में सभी प्रतिमाएँ दिगम्बर आम्नाय की हैं। मंदिर बावन जिनालय कोठरिया पर संवत् १११५ से ११३५ लिखा है। स्थानीय लोग इसे ‘लाखेणाना’ मंदिर के नाम से जानते हैं।
विशेष- भगवान पाश्र्वनाथ से मन्नत मांगने पर एवं पूर्ण होने पर गुड़ एवं शक्कर का प्रसाद रखने पर वहाँ के लोगों को बांट दिया जाता है।
वार्षिक मेला- हर पूर्णिमा पर मेला लगने पर १००० से अधिक लोग आते हैं एवं वर्ष में ज्येष्ठ सुदी दशमी को बड़ा मेला लगता है।
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ-
क्षेत्र पर मात्र १० कमरे और एक हाल है। भोजनशाला नियमित एवं सशुल्क है, औषधालय भी है।
Morning: 5:30 AM to Evening 8:30 PM,
Road: Local transport is available from Khed Brahma.
Train: Khed Brahma Rail Way Station
Air: Ahmedabad Air port