तिशय क्षेत्र पनागर: जबलपुर के पास छुपा हुआ जैन तीर्थ
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले से मात्र 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पनागर कस्बा, जैन धर्मावलंबियों के लिए एक अद्भुत तीर्थ स्थल है। यहां का इतिहास, मूर्तिकला और धार्मिक मान्यताएं, हर आगंतुक के मन को भक्ति से भर देती हैं।
स्वप्न से प्रकट हुई अद्भुत प्रतिमा
पनागर का जैन तीर्थ एक अद्वितीय कहानी से जुड़ा है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में भट्टारक जी को स्वप्न में एक अद्भुत स्थान दिखा, जहां भूमि के भीतर एक प्रतिमा दबी हुई थी। अगले दिन श्रावकों के साथ खुदाई में वहां से एक भव्य मूर्ति प्रकट हुई। यह प्रतिमा भगवान शांतिनाथ की मानी जाती है, जो 8.5 फीट ऊंची और 4 फीट चौड़ी कायोत्सर्ग मुद्रा में है।
मूर्तियों के अध्ययनकर्ताओं के अनुसार, यह मूर्ति देशी पाषाण की बनी हुई है और कलचुरी काल (11वीं सदी) की उत्कृष्ट कला को प्रदर्शित करती है। हालांकि, प्रतिमा की विशेष जटाओं और परिकर में व्याल की उपस्थिति इसे प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव से भी जोड़ती है।
पनागर में 17 दिगंबर जैन मंदिर हैं। इनमें से चार मंदिर बजरिया में, 3 बाजार में, और आठ मंदिर रेल्वे लाइन के पास स्थित अहाते में हैं। यहाँ की रेल्वे लाइन के किनारे स्थित मंदिर समूह अपनी अनूठी वेदिकाओं के लिए प्रसिद्ध है।
भगवान पार्श्वनाथ की सफेद पद्मासन प्रतिमा यहाँ की एक अन्य खासियत है। 5 फीट ऊंची इस प्रतिमा की प्रतिष्ठा 1858 में हुई थी। इस मूर्ति पर धारियां बनी हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाती हैं।
पनागर का जैन तीर्थ केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि शिल्पकला और इतिहास का अनमोल खजाना है। यहाँ की प्रतिमाएं, मंदिर और तालाब के किनारे की छत्रियां, हर कदम पर एक नई कहानी कहती हैं।
Phone- 0761-2350086, 2905400, 2350322
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM, Evening: 5:30 PM - 8:30 PM,
By Road: - Buses and Taxies from Jabalpur & Katni are available every time.
Train: - This area is about 2 km away from ‘Devri Station’ which is on Sagar -Jabalpur Line. ‘Vindhyachal Express’, ‘Riva-Jabalpur Shuttle’, ‘Jabalpur-Katni Passenger’, ‘Katni-Bhusaval’, ‘Itarasi-Illahabad’ etc trains stay here. Vehicles are available from ‘Devri’.
Airport: - Jabalpur Airport (25 km)