Digamber Jain Temple in Anjaneri, Nashik
असीम सामर्थ्य एवं अतुल बलधारी अंजनीपुत्र श्री हनुमान की माता अंजनी के नाम से यह तीर्थक्षेत्र अंजनेरी अथवा अंजनगिरी के नाम से जाना पहचाना जाता है। महाराष्ट्र शासन इस क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र तथा हिल स्टेशन के रुप में विकसित करने जा रही है और इस दिशा में कार्य प्रारंभ भी किया जा चुका है। अतः शासन का ध्यान इस क्षेत्र के विकास की ओर जाने से इसके चहॅुमुखी विकास की दृष्टि से इसका महत्व और भी बढ गया है तथा इसके उत्तरोत्तर विकास की प्रबल संभावनाएं है।
नासिक शहर से त्र्यंबकेश्वर की ओर 22 किमी दूरी पर सह्याद्री की पर्वत श्रृंखलाओं में मनभावन, प्रकृति की सुरम्य छटा के मध्य में स्थित अंजनेरी तीर्थक्षेत्र आगन्तुक यात्रियों को बरबस अपनी ओर खींच लेता है और उनके मानस पटल पर अपनी अमिट छाप छोड देता है।
धार्मिक, पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व
हजारों वर्ष से प्राचीन अंजनेरी तीर्थक्षेत्र का अपना एक गौरवशाली अतीत( इतिहास) रहा है। उल्लेखनीय है कि यादवकाल में अंजनेरी ग्राम तथा आसपास के क्षेत्र में काफी संख्या में जैन धर्मावलंबी रहते थे तथा आज भी यह क्षेत्र जैन संस्कृति के प्राचीन गौरवपुर्ण इतिहास को समेटे हुए है। यहाँ इस क्षेत्र पर हम आज भी दिगम्बर जैन आम्नाय की धरोहर जैन मंदिर एवं गुफायें जिनमें हमारे तीर्थकरों की मूर्तियाँ विद्यमान है, जीर्ण-शीर्ण अवस्था में देख सकते है। यहाँ एक जीर्णशीर्ण मंदिर में इ.स. 1142 (शके 1063) का शिलालेख मौजुद है। जिसमें यादवकालीन राजा के एक मंत्री द्वारा अंजनेरी मंदिर के जीर्णोध्दार हेतु दान देने का उल्लेख है। सन 1676 में अंजनेरी औरंगजेब के अधिपत्य में था तब यहाँ के जैन मंदिर ध्वस्त कर दिये गये थे। सन 1708 में अंजनेरी पर मराठा पेशवाओं का अधिपत्य हुआ तब इन मंदिरों के जीर्णोध्दार का प्रयास हुआ। इस तथ्य की पुष्ठि आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा भी की गई है।
अंजनगिरी की समुद्रतल से उँचाई 14300 फीट है तथा वर्तमान में यहाँ 2 गुफाएँ ही दर्शनिय स्थिती में है। पहाडी के नीचे ग्राम में भी श्याम वर्ण की 3 फीट की अतिमनोज्ञ पद्मासन जैन प्रतिमा खुले आकाश के नीचे विराजित है तथा इसके साथ ही वहीँ पर प्राचीन कलाकृति से पूर्ण 14 दिगम्बर जिन मंदिर भी है। जिनमें कई जीर्ण प्रतिमाएँ है किंतु इसकी समुचित देखभाल न होने से यह मंदिर अंत्यत जीर्णशीर्ण एवं क्षतिग्रस्त हो चुके है। कहने का तात्पर्य यह है कि हमारी यह प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर अंजनेरी तीर्थक्षेत्र अपना संपूर्ण प्राचीन वैभव एवं गौरव खोकर आज जीर्णशीर्ण एवं रुग्ण अवस्था में है और इसके कायाकल्प की आज नितांत आवश्यकता है।
Morning 5:30 AM to Evening 8:30 PM,
Anjaneri, one of the forts in the mountain range of Nasik-Trimbakeshwar, is considered to be the birthplace of god Hanuman. Anjaneri is located 20 km away from Nasik by Trimbak Road. Anjaneri is the birthplace of Hanuman, and is named after Hanuman's mother, Anjani. 108 Jain caves are found here belonging to 11th-12th century.
Train: Nashik Road Railway Station
Air: Mumbai Airport