महाराष्ट्र् में नासिक से लगभग् 5 किलोमीटर दूरी पर महसरूल ग्राम के पास यह सिद्ध क्षेत्र स्थित है । यह क्षेत्र पहाड पर स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग चार सो फीट हैं तथा क्षेत्र के दर्शन हेतु लगभग 435 सीढिया बनाई हुई हैं।
जैनमतानुसार इस क्षेत्र से सात बलभद्र विजय बलभद्र, द्धितीय बलभद्र, सुधर्मा बलभद्र, सुप्रभ बलभद्र, सुदर्शन बलभद्र, नंदी बलभद्र, नंदिमित्र बलभद्र एवं आठ करोड़ मुनिराज इस सिद्धक्षेत्र से मोक्ष पधारे है । मान्यता के अनुसार मुनिराज गजकुमार भी इस क्षेत्र मोक्ष गये है । उन्हीं के नाम पर इस क्षेत्र का नाम गजपंथा हुआ । एक मान्यता यह भी है कि क्षेत्र जिस पहाड़ पर बना हुआ है उसका आकार बेठे हुए हाथी के समान दिखता हैं इस कारण से भी इसे गजपंथा कहते हैं।
इस पहाड़ गुफा मंदिर हैं जिन्हें लगभग दो हज़ार वर्ष पुराना माना जाता है और ऐसा माना जाताह है कि प्राचीन काल में इन गुफाओं और प्रतिमाओं का मैसूर राज्य के राजा चामराज ने जीणोद्धार कराया तथा प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा करवाई, जिसके कारण पहाड़ को ”चामार लेणी” के नाम से भी जाना जाता है ।
क्षेत्र के पास स्थित महसरूल ग्राम में धर्मशाला है जिसमें एक जिनालय हैं, जिसमें मूलनायक प्रतिमा 1008 महावीर भगवान की है तथा सातों बलभद्रों एवं गजकुमार स्वामी की खडगासन प्रतिमाये हैं ।
क्षेत्र पर आवास व भोजनालय की सुविधा उपलब्ध है।
Phone No.: 0253 2530215
Morning: 5:30 AM to Evening 8:30 PM,
Mhasrul Gaon is a Locality in Nashik City in Maharashtra. Situated on the banks of river Godavari, Nashik is the fourth largest city in Maharashtra, after Mumbai, Pune and Nagpur. Nashik is well known for being one of the Hindu pilgrimage sites of the Kumbh Mela, which is held every 12 years. The city is also has links with 'Ramayana'. It is 190 km from Mumbai and is well connected with roads.
Train: Nasik Road Railway Station
Air: Nashik Airport