Shwetamber Jain Temple in Nanavat, Surat
श्री महावीरस्वामी समवसरण जिनालय
सूरत
सूरत-नाणावट स्थित कचरा की पोल मे आरस पाषाण से निर्मित सामरणयुक्त श्री महावीर स्वामी चौमुखजी समवसरण जिनालय में मूलनायक प्रभु की वि.स. 1633 की प्रतिमाजी विराजित है। दक्षिण गुजरात के एक मात्र श्री महावीर स्वामी समवसरण देरासर का निर्माण पाटण से आये कचरा कुटुम्ब के सूरत निवासी वीसा श्रीमाली सेठश्री तलकचंदजी मोतीलालजी कचरावाला द्वारा वि.स. 1940 के लगभग करवाया गया था, मूलनायक श्री महावीर स्वामी परमात्मा है।चौमुखजी आदि जिन बिम्बों की प्रतिष्ठा वि.स. 1961 श्रावण वदी-3 के दिन हुई थी। चौमुखजी में श्री महावीर स्वामी, श्री पार्श्वनाथ भगवान, श्री मुनिसुव्रत स्वामी, श्री महावीर स्वामी भगवान की प्रतिमा है।
उल्लेखनीय है कि वि.स. 1936 मे श्री रत्नसागरजी म.सा. की प्रेरणा से श्री नेमुभाई वाडी के उपाश्रय में काष्ठ से समवसरण की रचना की गई थी, जिसे बाद मे नाणावट मे पधराया गया था। त्रिस्तुतिक परम्परा के आचार्य श्री राजेन्द्रसूरिजी की प्रेरणा से इस जिनालय मे उक्त काष्ठ के समवसरण के स्थान पर आरस का समवसरण बनाया गया था । प्रतिष्ठा मुम्बई- सूरत उद्धारक पूज्य श्री मोहनलालजी म.सा. की निश्रा मे सम्पन्न हुई थी। जिनालय में प्रभु महावीर के 27 भवों के सुन्दर पट्ट लगाये गये है। जिनालय के पास श्री महावीर स्वामी जैन धर्मशाला - भोजनशाला है।
तीर्थ का पता
श्री महावीर स्वामी समवसरण जिनालय
सेठश्री तलकचंद मोतीलाल कचरावाला श्री जैन समवसरण देरासर न्यास.
श्री महावीर स्वामी जैन धर्मशाला-भोजनशाला,
कचरा की पोल, नाणावट, सूरत,
गुजरात -395003,
पेढ़ी फोन नंबर 0261-2432353, 2414060
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM, Evening: 5:30 PM - 8:30 PM,
Surat is a large city beside the Tapi River in Gujarat. Once known for silk weaving, Surat remains a commercial center for textiles. It is well connected with roads.
Train: Surat Railway Station
Air: Surat International Airport