Shri Sewari Shantinath Jain Tirth, Sewari, District - Pali (Rajasthan)

Shwetamber Jain Tirth in Sewari, Pali
Phone: 02938-248122

सेवाड़ी तीर्थ अतिप्राचीन है। यहां जैन मंदिर में उत्कीर्ण लेखों से ज्ञात होता है कि यह कभी बड़ा नगर था और उसको श्वेतपाटी, शतवाटिका, सीमापाटी व सिव्वाड़ी के नाम से पुकारा जाता रहा है। सेवाड़ी की प्राचीनता के संबंध में यहां के वि.सं. ११६७ व ११७२ के लेख हैं जो मंदिर में इसके पुरातन इतिहास को संजोये हुए हैं। यहां दो जैन मंदिर है जिसमें गांव के बीच वाला मंदिर प्राचीन है तथा दूसरा मंदिर गांव के बाहर है जो नया बना हुआ है। प्राचीन मंदिर में शान्तिनाथ भगवान की पद्मासनस्थ श्वेतवर्ण की आकर्षक प्रतिमा प्रतिष्ठित है लेकिन वि.सं. ११७२ के लेख में यहां मूलनायक श्री महावीर भगवान रहने के उल्लेख है लेकिन सं. २०१४ में जीर्णोद्धार के समय श्री शान्तिनाथ भगवान की प्रतिमा प्रतिष्ठित की गई है और प्राचीन प्रतिमा को बाहर स्थापित किया गया है। मंदिर के मूलनायक को बदलने के पीछे भी कुछ कारण अवश्य रहे होंगे जिसके बारे में कहा जाता है कि किसी जैनाचार्य ने कहा कि यहां मंदिर में शान्तिनाथ भगवान की प्रतिमा स्थापित करने से सेवाड़ी के श्रावको में समृद्धी आयेगी इसलिए जीर्णोद्धार के समय मूलनायक की प्रतिमा भगवान महावीर के स्थान पर शान्तिनाथ भगवान की प्रतिष्ठा करवाई गई। कहते हैं उसके बाद सेवाड़ी के श्रावक काफी समृद्ध हुए हैं। इस मंदिर की सभी प्रतिमाएं तेरहवीं शताब्दी की प्रतीत होती है जिनमें से अनेक पर कोई लेख नहीं है परन्तु संडेरकगच्छीय आचार्य श्री यशोभद्रसूरीश्वर जी की परम्परा के श्री गुणरत्नसूरी जी की प्रतिमा कलापूर्ण होने के कारण विशेष दर्शनीय है जिसपर वि.सं. १२४४ का लेख उत्कीर्ण है। बावन जिनालय वाले इस प्राचीन मंदिर की देवकुलिकाओं में अनेक देवताओ की प्राचीन मूर्तियां स्थापित है लेकिन मंदिर के मूल गंभारे के द्वार पर १६ विद्यादेवियों की मूर्तियां और यक्ष कुबेर की मूर्तियों में प्राचीन कला के स्पष्ट दर्शन होते हैं। एक शिलालेख के अनुसार चौहान राजा कटुकराज के सेनापति यशोदेव द्वारा इस जिनालय के एक गोखले में शान्तिनाथ भगवान की प्रतिमा प्रतिष्ठित करवाये जाने का उल्लेख है। सेवाड़ी एक जमाने में समृद्धशाली नगर था जिसका अनुमान इससे भी लगाया जा सकता है कि वर्तमान गांव के आसपास अनेक पुरातत्व सामग्री खुदाई में मिलती रहती है, ऐसी की कुछ प्राचीन प्रतिमाएं जैन मंदिर में पीछे की ओर देरियों के बाहर लगाई गई है।

लेकिन एक सरस्वति की दुर्लभ प्रतिमा भी बड़ी आकर्षक है। परन्तु गंभारे में गजलक्ष्मी की प्रतिमा अपने आपमें अनुठी है। कहते हैं कि सेवाड़ी नगर में कभी एक सौ बावड़यां थी आज भी यहां जेतल नामकी विशाल एवं कलापूर्ण बावड़ी विद्यमान है। सेवाड़ी तीर्थ से संबंधित एक प्राचीन ताम्रपत्र में समीपाटी के अनिल विहार में भगवान पार्श्वनाथ के मंदिर का होना अंकित है इस मंदिर की खोज के अन्तर्गत सेवाड़ी से कुछ दूर जंगल में यहां के प्राचीन दुर्ग अटेरगढ़ के भग्नावशेष प्राप्त हुए हैं, यहां उत्खनन का कार्य करवाया जाय तो सेवाड़ी के प्रचीन इतिहास के साक्ष्य उपलब्ध हो सकते हैं। गांव के बाहर पश्चिम में एक प्राचीन बावड़ी के पास दूसरा जैन मंदिर है जो नया ही बना हुआ है। इसमें वासुपूज्य भगवान की प्रतिमा मूलनायक है। इस मंदिर की प्रतिष्ठा सं. १९८२ में यति प्रतापरत्न जी द्वारा की गई थी। कहते हैं कि यति जी बड़े चमत्कारी थे इनके उपाश्रय में सुनहरी चित्रकारी से अनेक यंत्र तथा भगवान की विभिन्न लीलीएं चित्रित थी वह प्राचीन उपाश्रय अब ध्वंस हो गया है। नये मंदिर में शत्रुन्जय व गिरनार की रचना के अतिरिक्त एक संवतसरण में चतुर्मुख प्रतिमाएं विराजमान है। सेवाड़ी में यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशाला व आयम्बलशाला की सुव्यवस्था है। सेवाड़ी पहुंचने के लिए फालना रेल्वे स्टेशन से बाली होते हुए पहुंचा जा सकता है। फालना से सेवाड़ी की दूरी २० किलोमीटर है।

Location

Address: Shri Sewari Shantinath Jain Tirth, Sewari, District - Pali (Rajasthan)

Village/Town : Sewari, Tahsil : Bali, District : Pali, State : RAJASTHAN, Country : India, Pincode : 306707

Temple Timing

Morning: 5:30 AM to Evening: 8:30 PM,

How To reach?

Sewari village is located in Bali Tehsil of Pali district in Rajasthan. It is 12km fro Bali and 87km from Pali.
Train: Falna Railway Station
Air: Udaipur Airport