Shri Vijay Indra Dham, Shri Chintamani Parshvnath Jain Shwetamber Mandir, Jaggi Colony, Ambala (Haryana)

जिस क्षेत्र में हम सब रहते हैं वह भरतक्षेत्र कहलाता है । यहां पर संदेव तीर्थकर परमात्मा का सान्निध्य में हमें प्राप्त नहीं हो पाता । भरत और ऐशवत क्षेत्र में जिनेश्वर परमात्मा निश्चित समय तक ही पाए जाते हैं , महाविदेह क्षेत्र की भांति सदैव तीर्थकर परमात्मा नहीं होते हैं । तीर्थकर परमात्मा की अनुपस्थिति में जिनशासन के आचार्य भगवंत शासन को आगे बढ़ाते हैं इसीलिये ठीक ही कहा गया है- ' तित्थयर समो सूरि सूरीश्वर जी यानि आचार्य तीर्थकर के समान माना गया है । नवयुग निर्माता प्रभु श्री ऋषभदेव जी से लेकर भगवान महावीर स्वामी जी पर्यंत चौबीस तीर्थकर परमात्मा इस अवसर्पिणीकाल में हुए हैं । भगवान महावीर स्वामी जी के पश्चात् यहां पर अन्य कोई तीर्थकर परमात्मा नहीं हुए हैं । तीर्थकर परमात्माओं के बाद गणधर भगवंत और उनके बाद आचार्य भगवंतों का समय आता है । 2500 वर्षों से जो जिनशासन अबाध गति से चलायमान है , इसमें अगर किसी को श्रेय दिया जाये तो बह है , आचार्य भगवंता हम सभी यह जानते हैं कि श्री सुधर्मा स्वामी के बाद श्री जबरवामी जी . श्री प्रभव स्वामी जी . श्री शय्यंभव सुरीश्वर जी , श्री भद्रबाहु स्वामी जी . श्री वज्रस्वामी जी . श्री आर्यरक्षित सुरीश्वर जी , श्री हेमचंद्र सुरीश्वर जी . श्री सिद्धसेन दिवाकर 1444 ग्रंथों के रचयिता श्री हरिभद्र सुरीश्वर जी . अकबर प्रतिबोधक श्री हीर सूरीश्वर जी जैसे महान् शासन प्रभावक आचार्य भगवंत हुए हैं ।

 

श्री मणिविजय जी महाराज श्री बुद्धिविजय जी ( बटेशय जी ) महाराज , जंगमयुगप्रधान न्यायाम्भोनिधि श्रीमद् विजयानंद सूरीश्वर जी महाराज के पट्टधर , प्रखर शिक्षा प्रचारक पंजाब केशरी आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय वल्लभ सूरीश्वर जी म . सा . के पट्टधर , जिनशासनरत्न राष्ट्रसंत तपोमूर्ति आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय समुद्र सूरीश्वर जी महाराज के पट्टधर परमार क्षत्रियो द्वारक चारित्र चूडामणि महान् शासन प्रभावक आचार्य भगवंत श्रीमद् विजयद्रदिन्न सुरीश्वर जी महाराज ने अपने जीवनकाल में लाखों की संख्या में जैन धर्मानुयायी बनाकर एक अद्भुत शासन प्रभावना कार्य किया है , जो कदापि विस्मृत नहीं किया जा सकता है । उन्होंने अपूर्व महती शासन प्रभावना कार्य किया है , जो कदापि विस्मृत नहीं किया जा सकता है । उनकी अपूर्व महती शासन प्रभावना के यादगिरी में उनके पट्टधर गच्छाधिपति कोंकण देश दीपक आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय रत्नाकर सूरीश्वर जी महाराज ने गुरुदेव की स्वर्गवास भूमि अंबाला की पावन धरती पर आचार्य पद के 36 गुणों को ध्यान में रखते छत्तीस देवकुलिकाओं से युक्त समाधि मंदिर निर्माण की मंगलमय प्रेरणा व उनके मार्गदर्शन में इस भगीरथ कार्य का श्रीगणेश भी हो गया ।

इतना ही नहीं गुरुदेव ने इस भूमि पर चातुर्मास सम्पन्न कर अल्पावधि में अंजनशला का प्रतिष्ठा भी सुसम्पन्न कराई । पूज्य गुरुवर का दुर्घटना में अकस्मात् कालधर्म हो जाने से इस कार्य को परिपूर्ण करवाने की जिम्मेवारी श्रीमदात्म - वल्लभ- समुद्रेन्द्रदिन्न - रत्नाकर सूरीश्वर जी महाराज के क्रमिक पट्टधर वर्तमान गच्छनायक श्रुतभास्कर सरस्वती उपासक , श्रुतज्ञानमंदिर संरक्षक जैनाचार्य श्रीमद् विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वर जी म.सा. के कंधों पर आयी । इन्होंने सोचा कि मेरे गुरुवर महान् शासन प्रभावक थे । उनके कार्यानुसार दर्शनीय समाधि मंदिर का निर्माण होना चाहिये । 36 देवकुलिकाओं में 3-3 शासन प्रभावक महापुरुषों की गुरुमूर्तियां स्थापित होंगी और उन सभी कुल मिलाकर 108 महापुरुषों की प्रतिमाएं विराजमान होंगी । विश्व में ऐसा अद्भुत निर्माण प्रथम बार होने जा रहा है । इसका कार्य भी तीव्र गति से चल रहा है ।

इस पावन समाधि स्थल पर कोंकण देश दीपक आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय रत्नाकर सूरीश्वर जी म.सा. आदि ठाणा , पूज्य साध्वी कल्पज्ञा श्री जी म.सा. का भव्यातिभव्य चातुर्मास करवाने का सुअवसर हमें प्राप्त हुआ है । विगत कुछ वर्षों पूर्व अपने ही पूज्य उपाध्याय भगवंत श्री योगेन्द्र विजय ही म . सा . छः रि पालित संघ के साथ यहां गुरु समाधि स्थल पर वर्षीतप का पारणा करने के लिये यहां पर पधारे थे । उस समय हमें पूज्य श्री जी के वर्षीतप का पारणा करवाने का अनुपम लाभ प्राप्त हुआ था । इस बार भी 2021 सन् के वर्ष में गणिवर्य डॉ . श्री इन्द्रजीत विजय जी के सतत् दो वर्षीतप एवं साध्वी सुविराग श्री जी महाराज के चतुर्थ वर्षीतप के पारणा करवाने का स्वर्णिम अवसर हमें प्राप्त हुआ है ।

Location

Address: Shri Vijay Indra Dham, Shri Chintamani Parshvnath Jain Shwetamber Mandir, Jaggi Colony, Ambala (Haryana)

Village/Town : Jaggi Colony, District : Ambala, State : HARYANA, Country : India, Pincode : 134003

Temple Timing

Morning: 5:30 AM - 11:30 AM, Evening: 5:30 PM - 8:30 PM,

How To reach?

Ambala is a city and a municipal corporation in Ambala district. Ambala has two sub-areas: Ambala Cantt and Ambala City, eight kilometres apart, therefore it is also known as "Twin City".  It is well connected with road network.
Train: Ambala City Railway Station
Air: Chandigarh Airport